राजस्थानी लोगों के लिए समोसा सिर्फ एक खाने की चीज नहीं है. बल्कि इसका तीखा और चटपटा स्वाद हमारे बचपन की भी कई यादें समेटे हुए है. बचपन से ही हमने अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ चाय और समोसे का आनंद लिया है.
वक्त के साथ-साथ दोस्त भी बदले, शहर भी बदले और समोसे का स्वाद भी बदलता गया लेकिन फिर भी कुछ ऐसा है जो समय से के संदर्भ में कभी नहीं बदलता. वह है इससे जुड़ी राजस्थानी लोगों की फीलिंग.
इसीलिए आज हम बात करने जा रहे हैं समोसा खास में जयपुर के ‘ठग्गू के समोसे’ के बारे में, जिनका स्वाद इतना यूनिक है कि यह लोगों को एक ही नजर में ठग लेता है. तो आज ले चलते हैं आपको जयपुर की उन गलियों में जहां एक नहीं, दो नहीं बल्कि 14 तरह के समोसे मिलते हैं.
सड़क पर बेचते थे समोसे :–
ठग्गू के समोसे की शुरुआत करने वाले मुकेश गोलियां, पावस नागपाल और विक्की तीनों की दोस्ती नौकरी के दौरान हुई थी. एमबीए के दौरान मार्केटिंग की नौकरी में तीनों का मिलना जुलना होता था. एक दिन चाय की थड़ी पर बैठे इन तीनों को यह आइडिया आया कि समोसे में आलू ही क्यों?
क्यों ना स्टाफिंग में कुछ नया यूनिक ट्राई किया जाए. नया स्वाद लोगों को यदि परोसा जाएगा तो यह आइडिया काम कर सकता है. बस फिर क्या था! तीनों ने मार्केट रिसर्च करने के बाद पहले ही दिन घर से 12 वैरायटी के 60–70 समोसे तैयार किए. नए साल के मौके पर 1 जनवरी 2015 को तीनों दोस्तों ने सड़क पर समोसे बनाने शुरू कर दिए मुकेश गोलिया बताते हैं कि उन्होंने महज 10 मिनट में सारे समोसे बेच दिए.
जिसके बाद ही उन्होंने वैशाली नगर में अपने दोस्त से बात की और अपनी एक समोसे की दुकान शुरू की, यहीं से उनका कारोबार शुरू हुआ. बिजनेस संभालने के लिए इन तीन पार्टनर में से दो दोस्तों ने नौकरी छोड़ दी. मुकेश गोलियां बताते हैं कि उनका पैकेज उस वक्त 8 लाख रुपए सालाना था लेकिन अपने आईडिया को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने जॉब छोड़ी.
अपनी थोड़ी बहुत बचत का प्रयोग करते हुए उन्होंने तकरीबन 3 लाख रुपए का बैंक से लोन लिया और अपना सेटअप तैयार किया. शुरुआत में उनकी केवल एक दुकान थी जहां 12 वैरायटी के समोसे मिलते थे. लेकिन आज जयपुर में उनकी 4 ब्रांच है और 14 वैरायटी के समोसे मिलते हैं.
सालाना 2 करोड़ का टर्नओवर :– बता दें कि ठग्गू के समोसे में ट्रेडिशनल आलू का ही मसाला इस्तेमाल नहीं होता बल्कि यहां छोले, मंचूरियन, सोया चाप, पास्ता, चॉकलेट, ब्राउनी, पनीर और चाऊमीन जैसे मसालों की स्टफिंग भी होती है. यहां एक समोसे कीमत ₹20 से शुरू होती है और जानकारी के मुताबिक चारों ब्रांच पर दिन भर में 3000 समोसे की बिक्री होती है. मुकेश गोलियां का कहना है कि उनका सालाना टर्नओवर तकरीबन 2 करोड रुपए है. साथ ही इससे वह 25 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं जिसमें महिलाएं भी शामिल है.