जयपुर: राजस्थान का जयपुर एकमात्र ऐसा शहर बनने वाला है जहां तेंदुए–हाथी और शेर के साथ टाइगर सफारी भी होगी इसके लिए टाइगर को अब जयपुर लाना शुरू भी कर दिया गया है. दिल्ली रोड पर स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बनने वाली इस सफारी में आने वाले पर्यटक खुले में टाइगर की साइटिंग भी कर सकेंगे.
आपको बता दें कि इस संदर्भ में वन विभाग और जेडीए की ओर से टाइगर सफारी के काम को शुरू कर दिया गया है और अनुमान के अनुसार दिसंबर में इसकी शुरुआत हो जाएगी. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि साल के अंत में ही यह टाइगर सफारी बनकर तैयार हो जाएगी.
बता दें कि जयपुर के टाइगर सफारी नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के करीब एग्जॉक्टिक पार्क विकसित की जाएगी. इसका निर्माण जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा तकरीबन 7.5 करोड रुपए की खर्च द्वारा किया जाएगा. नाहरगढ़ की पहाड़ियों में यह लगभग 30 स्क्वायर हेक्टेयर की सफारी तैयार की जाएगी.
जहां पर्यटकों के लिए 8 संख्या की शेप में ट्रेक, एंट्री गेट और एक वॉच टावर भी बनाया जाएगा. इसके साथ ही इस सफारी में ट्रैक की लंबाई 8 किलोमीटर होगी. आपको बता दें कि यहां टाइगर्स के रहने के लिए 10 शेल्टर भी बनाए जाएंगे ताकि रात के समय उन्हें उनके अंदर रखा जा सके.
सफारी हेतु देने होंगे 250 से 300 रुपए
आपको बता दें कि नाहरगढ़ सफारी में लॉयन सफारी की तर्ज पर 4 कैंटर चलाए जाएंगे. इनमें सफर करने के लिए प्रति टूरिस्ट 250 से 300 रूपए तक राइड की फीस चुकानी पड़ सकती है. वहीं सफारी में टाइगर और टाइग्रेस के साथ दूसरे वन्यजीवों को भी छोड़ा जायेगा.
ताकि टाइगर्स को भोजन मिलने के साथ ही प्राकृतिक संतुलन भी बना रहे. इस विषय में वन विभाग के मुख्य सड़क वन संरक्षक और वन्य जीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर ने बताया है कि नाहरगढ़ में टाइगर सफारी ग्रास लैंड पर तैयार की जा रही है. इसके लिए जेडीए ने टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.
मुझे उम्मीद है कि साल के अंत तक टाइगर सफारी का काम पूरा हो जाएगा. अरिंदम तोमर ने यह भी कहा कि जयपुर ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां ग्रास लैंड, घने जंगल, पथरीले पहाड़ और मिट्टी के धोरों जैसी जगहों पर तेंदुए, हाथी शेर और टाइगर सफारी की शुरुआत की जा रही है.