एक पति ने अपनी पत्नी से वादा किया कि वह शादी की अपनी आने वाली 25 वीं सालगिरह साथ मनाएंगे लेकिन इनका यह वादा अधूरा रह गया ! वहीं एक पिता ने अपनी बेटी से यह वादा किया कि वह उसे डॉक्टर की डिग्री लेते हुए देखेंगे लेकिन किस्मत ऐसी कि यह वादा भी पूरा ना हो सका ! क्योंकि जब इस पति और पिता ने सबसे पहले जब वर्दी पहनी थी तो एक प्रण किया था कि सबसे पहले मेरी ड्यूटी होगी…! मेरे परिवार से पहले… मेरे खुद से पहले….
यह शब्द हमारी आत्मा को झकझोर जाते हैं लेकिन अपने इस प्रण को पूरा करने के लिए बीएसएफ के हेड कॉन्स्टेबल शिशुपाल सिंह बगड़िया कांगो में यूनाइटेड नेशंस के मिशन में हिंसक भीड़ के वक्त आखरी सांस तक लड़ते रहे. उनके साथ बाड़मेर के सांवला राम विश्नोई भी यूएन कैंप में तैनात थे.
लेकिन 26 जुलाई को हजारों की भीड़ ने कैंप पर हमला कर दिया लेकिन असला खत्म होने के बावजूद दोनों ने मोर्चा नहीं छोड़ा. शिशुपाल सिंह और सांवलाराम लगातार लड़ते रहे और उन्होंने महिलाओं को एअरलिफ्ट कराने के लिए भरसक प्रयास किए. लेकिन तभी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया और इस हमले में बदकिस्मती से शिशुपाल शहीद हो गए.
आपको बता दें कि शिशुपाल सीकर के रहने वाले हैं और यह दुख की बात है कि भारत माता का यह वीर सपूत वीर गति को प्राप्त हो गया. शिशुपाल की पत्नी कमला देवी, बेटी कविता और बेटा प्रशांत जयपुर के मानसरोवर में रहते हैं. उनका परिवार आज भी उनका इंतजार कर रहा है.
साथ मनाने वाले थे 25वीं सालगिरह:- वीर शिशुपाल के घर जब भास्कर टीम बात करने के लिए पहुंची तो उनकी पत्नी कमला देवी की आंखें बेहद हो गई. खुद को संभालते हुए उन्होंने भास्कर टीम से बात की और कहा कि, ऐसे ही थे वो… ड्यूटी और देश के अलावा उन्हें कुछ नहीं सूझता था. 3 मई को कांगो में ड्यूटी पर गए थे इससे पहले वह कुछ छुट्टियां लेकर घर आए थे.
तब उन्होंने मुझसे वादा किया था कि 20 जुलाई को उनकी 25वीं सालगिरह पर वह घर आएंगे और बच्चों के साथ सेलिब्रेट करेंगे लेकिन बेहद दुख की बात है कि यह वादा पूरा नहीं हो सका. मेरे पति हमेशा देश की सेवा के लिए प्रयासरत रहते थे और ड्यूटी के दौरान ही वे शहीद हो गए. अभी तो बच्चों की शादी करनी थी और कहीं अधूरे सपने पूरे करने थे लेकिन अब सब कुछ अधूरा ही रह गया है.
इस वक्त कमला देवी ने कहा कि उन्हें ड्यूटी से ज्यादा वक्त नहीं मिलता था लेकिन फिर भी कुछ मिनट निकालकर वह हर दिन वीडियो कॉल करते थे एनिवर्सरी पर भी उन्होंने वीडियो कॉल करके ही विश किया था और कहा कि जब भी ड्यूटी से आएंगे तो इसे सेलिब्रेट करेंगे.
शिशुपाल की पत्नी कमला देवी एक टीचर है और अपने दोनों बच्चों के साथ जयपुर में ही रह रही हैं. आपकों बता दें कि शिशुपाल की बेटी कविता (24 वर्षीय) एमबीबीएस है और इसी साल कॉलेज में उनका दीक्षांत समारोह होने वाला था. कविता के पापा शिशुपाल का सपना था कि वह उन्हें डॉक्टर की डिग्री लेते हुए देखें. और उन्होंने अपनी बेटी से वादा किया कि वह कॉलेज के दीक्षांत समारोह में साथ जाएंगे लेकिन यह पूरा नहीं हो सका.